Wednesday, August 27, 2008

जाने क्यों...

अक्सर ऐसा लगता है ,
कुछ बदल सा गया है/
जैसा वोह पहले था,
वैसा रह ना गया है/

उस मुस्कान में कोई तो कमी है,
उस नज़र में कुछ तो अलग है,
कुछ कदम आगे बढ़कर जैसे
ठिठक सा गया है/

बीते हुए कल कल का दर्द है उसे?
या आने वाले कल का डर ?
जाने किस कशमकश में,
वोह इस pal को खो रहा है/